योगी कैबिनेट के द्वारा 1.5 क्यूसेक क्षमता के 1750 असफल राजकीय नलकूपों के पुनः निर्माण की जो बड़ी-बड़ी परियोजना है। इसको मंजूरी दे दिया गया है गुरुवार को हुई राज्य की कैबिनेट की बैठक में कुल 561.20 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना से जुड़े सिंचाई विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी अब मिल चुका है।
योगी कैबिनेट के द्वारा 1.5 क्यूसेक क्षमता के कुल 1750 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर निर्माण की जो बड़ी परियोजना इसको मंजूरी प्रदान कर दिया गया है और गुरुवार को एक राज्य की कैबिनेट बैठक हुई जिसमें कुल 561.20 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना से जुड़े सिंचाई विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुका है। इससे लगभग 1.75 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता फिर से स्थापित किया जा सकेगा। जबकि इससे 2.39 लाख कृषक परिवार लाभन्वित किए जाएंगे। परियोजना की लागत का 95% हिस्सा नाबार्ड और पांच प्रतिशत राज्य सरकार यहां पर वहन करने वाली है।
उत्तर प्रदेश में कुल 62 जिलों में 1750 राजकीय नल को बंद यहां पर पड़े हुए हैं। इससे करीब पौने दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता यहां पर प्रभावित हो Hरहा था अब इस परियोजना को आगामी दो वर्षो की जो अवधि है इसमें पूरा कर लिया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में 3694 राजकीय नलकूप यहां पर संचालित है बता दिया जाता है कि जिन स्थापना के बाद 17 वर्ष या 57000 घंटे की सीमा को पूरा कर लिया है और जिनका जल निकास बेहद यहां पर कम हो चुका है उन्हें असफल श्रेणी में रखा जाने वाला है।
62 जिलों हेतु नलकूप को किया जाएगा स्थापित, नहर विहीन क्षेत्रों को मिलेगी प्राथमिकता
परियोजना में 62 जनपदों के ऐसे छात्र क्षेत्र को यहां पर सम्मिलित किया गया है। जहां तारों के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं है। सभी 1750 नलकोप क्षेत्रों में पुनर्निमित किया जाने वाला है। इससे लगभग सीमांत किसानों का सीधा लाभ मिल पाएगा। खाद्यान्न उत्पादन में इस परियोजना से जहां सिंचाई व्यवस्था में सुधार होगा वहीं रोजगार भी सृजित किया जाएगा।अनुमान है कि इससे 16 लाख 13500 मानव दिवसों का निर्माण हो पाएगा साथ ही प्रति हेक्टेयर लागत ₹32369 रुपए यहां पर रहेगा।